बुन रहा
है बुनने वाला
ज़िन्दगी
के स्वेटर विश्वास
और किस्मत की
सलाइयों से समय की ऊन
से हालात के
लच्छों से दिवस,
माह और
सालों के डाल रहा
है फंदे बनाता है
भिन्न भिन्न डिज़ाईन
ग़मो ख़ुशी के बाजूओं को
देता है आकार
हिम्मत और
हौसले का आख़िर में
बिखेर देता है रंग ज़रा
कहकशां का हर गले का
साईज़ फिर भी अलग अलग
होता है उसी
पुरानी ऊन से वो मगर हर बार
नया स्वेटर बुनता है!