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05.31.2008 |
बसन्त फिर आनेवाला है कुसुम सिन्हा |
लगता है बसन्त फिर आनेवाला है
सूखी मुरझाई अमराई में फिर मौसम
गुन गुन के मीठे स्वर में गाकर भँवरा
झाँक रहे हैं डाल डाल नूतन किसलय
हवा बहकती है मादक से मौसम में
काटे नहीं कटती थी जो अँधियारी रातें
कही अनकही रह गई जो कितनी बातें
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